अयोध्या में है पुरजोरों से राम मंदिर बनाने की तैयारी । इंतजार है तो बस कोर्ट के फैसले का । राम जन्म भूमी से महज 2 किलो मीटर की दूरी पर स्थित कार्य-शाला में पत्थरों को तराशने का कार्य जारी है ।
राम जन्म-भूमी न्यास द्वारा संचालित इस कार्यशाला में मंदिर में लगने वाले पत्थरों को तराशने वा नक्काशी का काम लगभग 75 फी सदी पूरा हो चुका है । मंदिर के निर्माण में लगभग 175000 घन फुट पत्थरों की खपत अनुमानित है ।
राम मंदिर के निर्माण के लिये राजस्थान के बंसीपुर से पत्थरों की सप्लाई हो रही है और पत्थरों की औसतन आयु 1000 साल आंकी गई है । याने कि 1000 साल तक पत्थरों की गुणवत्ता पर कोई फरक नहीं पडे़गा ।
कार्यशाला में रखे गये लकड़ी के ढ़ाँचे के अनुसार मंदिर की रूपरेखा कुछ एैसी होगी -
राम मंदिर का निर्माण का कार्य वो भी हनुमानजी की वानर सेना के बिना हो ही नहीं सकता । फिलहाल अयोघ्या के जीर्णोद्धार और कायाकल्प की प्रक्रिया जारी है । सरयु के किनारे स्थित घाटों को नया रूप दिया जा रहा है ।
उलझे हुए पेचों के मध्य जेहन में है बस एक ही सवाल क्या मिल पायेगा राम मंदिर को वास्तविक रूप......