मोती नगर में दिल्ली के मुख्य-मंत्री अरविंद केजरीवाल को पड़ा एक थप्पड़ । रोड शो के दौरान उनके कार्यकर्ताओं के बीच वो भी ऐन चुनाव से चंद पहले । हादसा या फिर मतदाताओं से सहानभूति वोट पाने की एक सोची समझी साजिश । मामला जो भी हो फिलहाल केजरीवाल मीडिया की सुर्खियों में बने हुए हैं ।
जेहन में बस एक ही सवाल एक अंतराल बाद सार्वजनिक सभाओं या फिर रोड शो के दौरान क्यूँ मार जाता है केजरीवाल को थप्पड़ या फिर फेंक देता है स्याही कोई गैर नहीं उनकी ही पार्टी कार्यकर्ता ?
थप्पड़ केजरीवाल को पड़ता है और टविटर के माध्यम से होती है उनके सहयोगी उप मुख्य-मंत्री मनीष सिसोदिया वा पार्टी द्वारा सार्वजनिक तौर पर बयान-बाजी
क्या वास्तव में मौजूदा सरकार केजरीवाल को झुकाना चाहती है या फिर यह थप्पड़ और स्याही मात्र पब्लिसिटी स्टंट है मतदाताओं की सहानभूति पाकर वोट बटोरने के । थप्पड़, स्याही और घरना प्रदर्शन केजरीवाल के सियासती दौर का पेशन हैं ।
थप्पड़ और स्याही के इस राजनीतिक खेल का खुलासा तो समय के साथ हो ही जायेगा । जरूरी है तो बस मतदान के समय एक सही वा सुलझी सोच । पोलिटकल शोमेन के स्टंट आजमी हैं ........