निरंतर बारिश वा जल-भराव के चलते चरमारा गई है केरल की बुनियादि व्यवस्था जन-जीवन हुआ अस्त-व्यस्त । अधिकारिक सूत्रों के अनुसार बाढ में मरने वालों का आंकड़ा 400 पार कर चुका है । होने वाले नुकसान का आंकलन 3.8 बिलयन डालर है । राज्य में हाई अलर्ट है और राहत कार्य जारी है ।
बाढ़ का कारण राज्य की 44 नदियों में उफान के साथ 35 डेम का एक साथ खोला जाना माना जा रहा है । 14 जिले बाढ़ के चपेटे में हैं । जलरिसाव के कारण भारी मात्रा में भू-स्खलन के चलते मार्ग अवरूध हैं । अब तक 43000 लोगों को राहत शिविर में पहुँचा दिया गया है । राहत शिविरों की संख्या 3274 वा उन्में में रहने वालों की संख्या 2.7 लाख है ।
रेल मार्ग अवरूध हैं । हवाई जहाज के माध्यम से बाढ़ में फसे लोगों को राहत सामग्री पहुँचाई जा रही है । केंद्रिय मंत्री राम विलास पासवान के अनुसार 89500 टन अनाज वा 100 टन दालें बाढ़ ग्रसित क्षेत्र मे पहुँचाया गया है । जल-भराव के कारण होने वाली बिमारियों के मध्य-नजर 1.5 करोड़ क्लोरीन की गोलियाँ सप्लाई की जा चुकी हैं ।
सेना का नेशनल डिजास्टर मेनेजमेट फोर्स के सहयोग से राहत वा बचाव कार्य जारी है । राज्य सरकार को केंद्र से 2600 करोड़ रूप्ये स्पेशल पेकेज की उम्मीद जताई है । राज्य सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में राहत केंद्र खोल दिये हैं । विस्थापितों की संख्या आठ लाख है ।
महाराष्ट्र के अहमद नगर की सेक्स वर्करों ने बाढ़ पीड़ितों के लिये 21000 रूप्ये दान किये हैं । इस महीने के अंत तक वो 100000 रूप्ये एकत्रित करके भेजेंगी ।यू.ए.ई. ने भी 500 करोड़ के अनुदान की पेशकश की है । केंद द्वारा राहत कार्य की समीक्षा जारी हैं और आम आदमी भी नहीं है पीछे ।
निरंतर बारिश वा बवंडर के चलते जल.भराव वा लेंड.स्लाइडिंग तो स्वाभाविक है विचारणीय है तो इन प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली जान.माल की क्षति । जरूरत है तो बस इनसे निपटने के लिये सुलझी हई नीति के तहत तैयार रूपरेखा.....