तख्त साहिब से पतित होने के बावजूद भगवंत मान को सिरोपा दिए जाने पर सरना ने जताई आपत्ति
तख्त साहिब से, पतित होने के बावजूद, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को सिरोपा देने को बड़ी गलती बताते हुए शिरोमणि अकाली दल के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना कहा कि तख़्त साहिब से गुरु की मोहर उस व्यक्ति को कैसे दी जा सकती है, जिसने अपने केशों की बेअदबी की है और जो पतित है? तख़्त साहिब की अपनी मर्यादा है, जिसका पालन किया जाना चाहिए था। अगर तख़्त साहिब से पतित व्यक्तियों का सम्मान होगा, तो सिखी को नष्ट होने से हम कैसे रोक पाएंगे?
तख़्त साहिब के सम्मानित जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी कुलवंत सिंह जी बहुत ही सहृदय और समझदार व्यक्ति हैं, जिनका सिख पंथ में बहुत सम्मान है। मुझे हैरानी है कि उनके तख़्त साहिब के जत्थेदार होते हुए इस तरह के पतित व्यक्ति का सम्मान तख़्त साहिब से हुआ है। उन्हें भी इस बारे में जरूर सोचना चाहिए, क्योंकि मर्यादा का उल्लंघन करने के लिए हम कलगीधर पातशाह के प्रति जिम्मेदार होंगे।
उनका कहना है कि भगवंत मान खुद को सिख भी नहीं मानते। ऐसे सिखी से इंकार करने वाले व्यक्ति का तख़्त साहिब से सम्मानित होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। क्या पंजाब का मुख्यमंत्री होना पतित होने के कृत्य को उचित ठहरा देता है? उनका भगवंत मान से कोई व्यक्तिगत द्वेष नहीं है, लेकिन उनका मानना है कि तख़्त साहिब की मर्यादा का ख्याल रखा जाना चाहिए था। वे भगवंत मान को भी सलाह देते हैं कि कलगीधर पातशाह जी का यह महान तख़्त है, जहां से आपको भले ही गलती से सिरोपा मिल गया है, अब आपको इस उपहार का सम्मान करते हुए भविष्य में केश और दाढ़ी का अपमान करना छोड़ देना चाहिए और एक पूर्ण सरदार बनना चाहिए तथा नशे जैसी बुरी आदतों से दूर रहना चाहिए।
इस संबंध में, जब उन्होंने इस पवित्र स्थल के मुख्य प्रशासक विजय सतबीर सिंह से बात करके दिल की बात साझा की, तो उन्होंने माफी मांगते हुए यह वादा किया है कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। साथ ही उनसे तख़्त साहिब में क्षमा याचना करने की अपील की है, और उनकी आवाज़ से स्पष्ट हो रहा था कि अब उन्हें दिल से पछतावा है। वे आगे से तख़्त साहिब की मान-मर्यादा को बनाए रखेंगे। साथ ही मेरा उन सम्मानित सिख व्यक्तियों से भी सवाल है, जो उस समय साथ थे, कि जो कुछ हुआ, क्या वह सही था और हम गुरु को क्या मुंह दिखाएंगे ?
07:59 pm 21/08/2024