सुप्रिम कोर्ट ने 70 साल से चल रहे बाबरी मस्जिद एवं राम जन्मभूमि विवाद पर लगाया विराम । साक्ष्य एवं सबूतों के आधार पर मामला गया राम जन्मभूमि के पक्ष में और अंत में मिला राम लला को उनके घर का मालिकाना हक । उसी जगह होगा राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में ही किसी और जगह मस्जिद के लिये 5 एकड़ जमीन मुहैया कराने का दिया आदेश ।
आरचियलोजिकल सर्वे आफ इंडिया द्वारा 21 वीं सदी में की गई खुदाई में मिले साक्ष्यों के आधार पर यह साबित होता है कि वहाँ पर राम मंदिर था । अंग्रेजों के आने से पहले से ही हिंदुओं द्वारा राम चबूतरे और सीता रसोई में पूजा होती रही है । बाबर के शासन काल में मीर बाकी ने मंदिर के स्ट्रक्चर के ऊपर मस्जिद का निर्माण किया था ।
मुख्य न्यायाधीश श्री रंजन गोगई के नेतृत्व में गठित बैंच ने केंद्र सरकार को तीन महीने में मंदिर निर्माण की योजना बनाकर रिर्पोट प्रस्तुत करने और मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिये 5 एकड़ जमीन मुहैया कराने का आदेश दिया है । सुप्रिम कोर्ट के फैसले का सभी पक्षों ने संमान किया है ।
प्रधान मंत्री नरेंद्र भाई मोदी सहित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंचालक मोहन भागवत, कांग्रेस पार्टी एवं विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष ऐडवोकेट अलोक कुमार ने अपने कार्यालयों में आयोजित प्रेसवार्ताओं के माध्यम से फैसले को लेकर खुशी जाहिर की एवं अमन कायम रखने की ताकीद की है । जीमयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने भी हाल ही मे आयोजित प्रेसवार्ता में अपना स्टेंड क्लियर किया है ।
राम मंदिर के नवनिर्माण की अमलियत साथ कहीं ना कहीं जरूरी है अमनियत.....